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શુક્રવાર, 18 માર્ચ, 2016

Narendra Modi Biography in Hindi | नरेंद्र मोदी की जीवनी

narendra modi in hindi
NAMO – Primary Minister of India

Narendra Modi Biography in Hindi

“मैं प्रधानमंत्री के रूप में नहीं प्रधानसेवक के रूप में आपके बीच उपस्थित हूँ” – Narendra Modi
नरेंद्र मोदी – एक चाय वाले से प्रधानमंत्री तक का अद्भुत सफर (Narendra Modi’s Incredible Journey From a Tea-Seller To The PM of India and History of Narendra Modi In Hindi)
नरेंद्र मोदी हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। 2014 के चुनावों में उन्होंने भाजपा (B.J.P) को पूर्ण बहुमत से जितवाया। आज मोदी जी ने अपने व्यक्तित्व से बच्चे बच्चे में देश के प्रति कुछ कर गुज़रने की भावना उत्पन्न की है। Narendra Modi का जीवन बहुत ही साधारण तरीके से शुरू हुआ मगर अपनी मेहनत से उन्होंने असाधारण सफलता हासिल की। आज इस लेख (Article) में हम मोदी के चाय बेचने वाले दिनों से प्रधानमंत्री बनने तक के अद्भुत सफर (Amazing Journey and History of Narendra Modi) के बारे में जानेंगे।

History of Narendra Modi in Hindi

मुझे देश के लिए मरने का कोई अवसर नहीं मिला, लेकिन मुझे देश के लिए जीने का मौका मिला है  – Narendra Modi
भारत की आज़ादी के तीन वर्ष बाद गुजरात (Gujarat) के एक छोटे से कस्बे, वड़नगर (Vadnagar) में नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ। दामोदर दास मोदी और हीरा बा की 6 संतानों में से मोदी उनकी तीसरी संतान थे। उनका परिवार बहुत ग़रीब था और एक कच्चे मकान में रहता था। दो वक्त की रोटी भी बड़ी मुश्किल से मिलती थी। नरेंद्र मोदी की माँ आस पड़ोस में बर्तन साफ करती थी ताकि अपने बच्चों का पालन पोषण कर सके। उनके पिता रेलवे स्टेशन पर चाय की एक छोटी सी दुकान (Tea Stall on Railway Station) चलाते थे। मोदी बचपन में अपने पिता की चाय की दुकान में उनका हाथ बटाते थे और रेल के डिब्बों में चाय बेचते थे। इन संघर्ष भरे दिनों का मोदी पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा।
माना की अंधेरा घना है, लेकिन दिया जलाना कहाँ मना है  – Narendra Modi
चाय की दुकान संभालने के साथ साथ मोदी पढ़ाई लिखाई का भी पूरा ध्यान रखते थे। मोदी को पढ़ने का बहुत शौक था। वे अक्सर अपने स्कूल के पुस्तकालय में घंटों बिता दिया करते थे। उनके सहपाठी (Classmate) और शिक्षक बताते हैं कि मोदी शुरू से ही एक कुशल वक्ता (Excellent speaker) थे और उनमें नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता थी। वे नाटकों और भाषणों में जमकर हिस्सा लेते थे। नरेंद्र को खेलों में भी बहुत दिलचस्पी थी। मोदी हिन्दू और मुस्लिम दोनों के त्यौहार बराबर उत्साह से मनाते थे। मोदी बचपन से ही बहुत बहादुर (Brave) थे। एक बार वे एक मगर के बच्चे को हाथ में उठाकर घर ले आए थे। ऐसे थे हमारे छोटे नरेंद्र।
जो निरंतर चलते रहते हैं वही बदले में मीठा फल पाते हैं। सूरज की अटलता को देखो – गतिशील और लगातार चलने वाला, कभी ठहरता नहीं, इसलिए बढ़ते चलो  – Narendra Modi
History of Narendra Modi in Hindi
Narendra Modi Childhood Photo
बचपन से ही मोदी में देश भक्ति (Patriotism) कूट कूट कर भरी थी। 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान मोदी रेलवे स्टेशन पर जवानों से भरी ट्रेन में उनके लिए खाना और चाय लेकर जाते थे। 1965 में भारत पाक युद्ध के दौरान भी मोदी ने जवानों की खूब सेवा की। युवावस्था में मोदी पर स्वामी विवेकानंद का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने स्वामी जी के कार्यों का गहराई से अध्ययन किया जिसने उन्हें जीवन के रहस्यों की खोज की तरफ आकर्षित किया और उनमें त्याग और देश भक्ति (Patriotism) की भावनाओं को नई उड़ान दी। उन्होंने स्वामी जी के भारत को विश्व गुरु बनाने के सपने को साकार करना अपने जीवन का मकसद बना लिया।
एक विचार लो,  उस  विचार  को  अपना जीवन  बना  लो उसके  बारे  में  सोचो  उसके  सपने  देखो, उस  विचार  को  जियो, अपने  मस्तिष्क,  मांसपेशियों,  नसों,  शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो, यही सफल होने का रास्ता है  – Swami Vivekananda
17 साल की उम्र में मोदी ने घर छोड़ दिया और अपनी आध्यात्मिक यात्रा (Spiritual journey) शुरू की। उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण किया। उन्होंने हिमालय में ऋषीकेश, बंगाल में रामकृष्ण आश्रम और पूर्वोत्तर भारत की यात्रा की और फिर दो वर्ष बाद वे घर लौट आए। इन यात्राओं से उन्हें स्वामी विवेकानंद को और गहराई से जानने का सौभाग्य मिला जिसने उन्हें पूरी तरह बदल दिया। जब वे घर लौटे, उनका मकसद साफ था- राष्ट्र की सेवा (Serving the Nation)। वे केवल दो सप्ताह ही घर पर रुके और फिर अहमदाबाद (Ahmedabad) के लिए निकल पड़े। वहाँ जाकर वे आर.एस.एस. (R.S.S.) के सदस्य बन गए। आर.एस.एस. (R.S.S.) एक ऐसा संगठन है जो देश  के सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विकास के लिए कार्य करता है।
कड़ी मेहनत कभी थकान नहीं लाती, वह तो संतोष लाती है  – Narendra Modi
Narendra Modi Wikipedia in Hindi
Narendra Modi Young Picture
1972 में मोदी आर.एस.एस. (R.S.S.) के प्रचारक बन गए और अपना सारा समय आर.एस.एस. (R.S.S.) को देने लगे। वे सुबह पाँच बजे उठ जाते और देर रात तक काम करते। इस व्यस्त दिनचर्या के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की और राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल की (Degree in political science)। प्रचारक होने के नाते मोदी ने गुजरात के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण किया और लोगों की समस्याओं को करीब से समझा। 1975 में देश में जब आपातकाल (Emergency) के काले बादल छाए थे, तब आर.एस.एस. (R.S.S.) जैसी संस्थाओं पर प्रतिबंध लग गया था। फिर भी मोदी भेष बदलकर देश की सेवा करते रहे और सरकार की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया। आर.एस.एस. (R.S.S.) में बेहतरीन काम की बदौलत उन्हें भाजपा (B.J.P.) में नियुक्त किया गया। Narendra Modi ने 1990 में आडवाणी की अयोध्या रथ यात्रा का भव्य आयोजन किया जिससे भाजपा (B.J.P.) के वरिष्ठ नेता काफी प्रभावित हुए। उनके अद्भुत कार्य की बदौलत भाजपा (B.J.P.) में उनका कद बढ़ता रहा।
काम को ही महत्वाकांक्षा बन जाने दीजिये  – Narendra Modi
2001 में Gujarat में भयानक भूकंप (Earthquake) आया और पूरे Gujarat में भारी विनाश हुआ। गुजरात सरकार के राहत कार्य से ना खुश होकर भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेताओं ने Narendra Modi को गुजरात का मुख्यमंत्री (Chief Minister of Guajart) बना दिया। मोदी ने काफी कुशलता से राहत कार्य संभाला और गुजरात को फिर से मज़बूत किया। मोदी ने गुजरात को भारत का सबसे बेहतरीन राज्य बना दिया। उन्होंने गाँव गाँव तक बिजली (Electricity) पहुँचाई। देश में पहली बार किसी राज्य की सभी नदियों को जोड़ा गया जिससे पूरे राज्य में पानी की कमी दूर हुई। एशिया के सबसे बड़े सोलर पार्क (Asia’s Largest Solar Park) का निर्माण Gujarat में हुआ। गुजरात के सभी गाँवों को इंटरनेट से जोड़ा गया और टूरिज़्म को भी बढ़ावा दिया गया (Tourism has also Promoted)। Modi के कार्यकाल में Gujarat में बेरोज़गारी काफी कम हुई (Unemployment Decreased) और महिलाओं की सुरक्षा में काफी मज़बूती आई। इन्ही कारणों की वजह से गुजरात की जनता ने मोदी को चार बार लगातार अपना मुख्यमंत्री (C.M.) नियुक्त किया।
मेरे जीवन में मिशन (Mission) सबकुछ है, एम्बिशन (Ambition) कुछ भी नहीं … यदि मैं नगर निगम का भी अध्यक्ष होता तो भी उतनी ही मेहनत से काम करता जितना C.M. होते हुए करता हूँ  – Narendra Modi
Gujarat में Modi की सफलता देखकर भाजपा (B.J.P.) के बड़े नेताओं ने Modi को 2014 लोक सभा चुनावों का प्रधानमंत्री  उम्मीदवार (Prime Minister Candidate) घोषित किया। मोदी ने पूरे भारत में अनेक रैलियाँ की जिनमें हज़ारों लोग उन्हें सुनने आते थे। मोदी ने सोशल मीडिया (Social Media) का भी भरपूर लाभ उठाया और लाखों लोगों तक अपनी बात रखी। मोदी के गुजरात में विकासशील कार्य, उनके प्रेरणादायक भाषण (Inspirational Speech), देश के प्रति उनका प्यार, उनकी साधारण शुरुआत और उनकीसकारात्मक सोच (Positive thinking) के कारण उन्हें भारी मात्रा में वोट मिले और वे भारत के पंद्रहवे प्रधानमंत्री बने (India ‘s Fifteenth Prime Minister)।
प्रधानमंत्री (P.M.) बनने के बाद वे भारत का कुशलता से नेतृत्व कर रहे हैं और भारत को नई उचाईओं पर पहुँचा रहे हैं। उन्होंने कई विदेश यात्राएँ की और भारत की छवि संपूर्ण विश्व में मज़बूत की। इसी कारण विदेशों द्वारा भारत में काफी निवेश हुआ। मोदी ने पड़ोसी देशों से भी काफी अच्छे संबंध बनाए। मोदी ने जन धन योजना (Jan Dhan Yojna), स्वच्छ भारत अभियान (Clean India Campaign), मेक इन इंडिया (Make in India) और डिजिटल इंडिया (Digital India) जैसी  कई योजनाओं की शुरुआत की जिससे India में काफी विकास (Development) हो रहा है ।
अगर 125 करोड़ भारतीय एकता, शांति और सदभाव के मंत्र के साथ कंधे से कंधा मिला कर एक कदम बढ़ाएं तो देश एक बार में 125 करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा  – Narendra Modi
Narendra Modi बहुत ही मेहनती व्यक्ति हैं। वे 18 घंटे काम करते हैं और कुछ ही घंटे सोते हैं। वे शुद्ध शाकाहारी (Vegetarian) हैं और नवरात्रों के नौ दिन उपवास रखते हैं। मोदी अपनी सेहत का भरपूर ध्यान रखते हैं और प्रतिदिन योग (Yoga) करते हैं, भले ही वे कहीं भी हों। मोदी हमेशा साफ कपड़े पहनते हैं और लोग उन्हें फैशन आइकॉन के रूप में देखते हैं। नेता होने के अलावा मोदी एक कवि और लेखक भी हैं। वे अपने भाषणों से लाखों युवाओं का मनोबल बढ़ाते हैं और उनमें देश भक्ति की भावना जगाते हैं।
डरते वो हैं जो अपनी छवि के लिए मरते हैं, मैं तो हिंदुस्तान की छवि के लिए मरता हूँ, इसीलिए किसी से नहीं डरता हूँ  – Narendra Modi
मोदी जी (Modi Biography) से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा मेहनत करनी चाहिए और निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करनी चाहिए। ये हमारे गणतंत्र की ताकत ही है जिसने एक चाय वाले को देश का प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनने का अवसर दिया। उम्मीद है आप सभी को Narendra Modi के जीवन से प्रेरणा (Inspirational) मिलेगी और आप अपने सपने साकार करेंगे। मेरी आप सभी से यह विनती है कि हमें मोदी जी के भारत को विश्व गुरु बनाने के मिशन में उनका पूरा साथ देना चाहिए। धन्यवाद। :)
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यह Narendra Modi Biography in Hindi लेख हमें Aman Sharma ने भेजा है इस बेहतरी Narendra Modi Success Story को Hindi में हमारे साथ Share करने के लिए मैं Aman Sharma का आभार व्यक्त करता हूँ.
Aman Sharma is Freelancer and Very Creative Motivational Writer He is Very Honest and Unique Content Writer If You Want Any Type of Article than You Can Hire Him.
Aman Sharma.
Email – amansharma1058@gmail.com
Contact – 8800532023
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Always Keep Dreaming Hindi Motivational Story

हर मनुष्य अपनी आंखों में सुंदर सपने सजाता है और उन्हें पूरा करने की भरपूर कोशिश करता है । जीवन में Success इन्हीं Dreams के आधार पर मिलती है । सपने देखने की कोई उम्र नहीं होती और व्यक्ति जब तक सपनों को मूर्त रूप देने का प्रयत्न करता रहता है, तब तक उसका जीवन सफलता के सोपानों पर अग्रसर होता रहता है । लेकिन हमारे देश में 35 – 40 वर्ष की उम्र बीतते ही लोग सपने देखने में विराम लगाने लग जाते हैं । वे सोचने लगते हैं कि वे जो बनना चाहते थे, बन गए । जो सीखना चाहते थे, सीख गए, अब और सीखने से क्या फायदा? अब और कुछ बनने के लिए जिंदगी नहीं बची । अब जो बन गए हैं, उसी राह पर आगे बढ़ना होगा ।
ऐसी Negative Thinking रखने वालों के जीवन में विकास का मार्ग अवरुद्ध(Block) हो  जाता है । इसके अतिरिक्त कई लोग ऐसा भी नकारात्मक सोचने लगते हैं कि जिंदगी में वो जो बनना चाहते थे, नहीं बन पाए, जो सीखना चाहते थे, नहीं सीख पाए, अब कुछ और बनने व सीखने की उम्र ही नहीं बची । इस तरह 35 – 40 उम्र के पार जाने वाले लोगों को यह लगने लगता है कि अब उनकी जिंदगी में कुछ नया होगा ही नहीं, कुछ भी नया करने के लिए अब बहुत देर हो गई है । हमारे आगे बढ़ने के रास्ते भी बंद हो गए हैं । शरीर और मन की उर्जा भी अब पहले की तरह साथ नहीं है ।
लेकिन यदि कोई अपने जीवन में कुछ करने की ठान ले, तो उम्र उसके कार्य में बाधा नहीं बनती और शरीर की ऊर्जा उसके कार्य में रुकावट नहीं डालती; क्योंकि उसका निश्चय(Determination) मन से होता है, मन की शक्ति से होता है । इसलिए हर रुकावट को, हर मुश्किल व परेशानी को उसके आगे झुकने के लिए मजबूर होना पड़ता है । इसी मन की शक्ति के कारण Leonardo da Vinci ने अपनी एक Famous Painting “Monalisa” 51 साल की उम्र में बनाई, और यह उनके जीवन में सबसे अधिक प्रशंसित हुई ।
इसी प्रकार प्रखर व्यक्तित्व Nelson Mandela अपने जीवन में लंबा संघर्ष करते रहे और 75 साल की उम्र के बाद वे South Africa के राष्ट्रपति बने । यदि ये लोग अपनी उम्र व शरीर की कमजोर पड़ती Energy की और निहारते, Negative सोचते तो शायद इतनी अधिक उम्र में कोई विशेष Success हासिल न कर पाते । भारतीय संस्कृति के प्रसिद्ध संवाहक गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी 90 वर्ष की उम्र में रामचरित मानस को लिखना प्रारंभ किया था । इसी तरह जीवन के विविध आयामों में अनेक ऐसे चेहरे हैं, अनगिनत उदाहरण हैं, जिनके सपनों ने लंबे Struggle के बाद Success का स्वाद चखा ।
British Novelist व कवि सी.एस.लुई का कहना था कि हम कभी इतने बूढ़े नहीं होते कि नए लक्ष्य न बना सकें, नए सपनों को न देख सकें; क्योंकि हमारे सामने लक्ष्य बनाने व सपने देखने में कोई रुकावट नहीं है । इसलिए उनसे दूर भागने के बजाय हम उनके लिए तैयार हों । यदि हम ही आगे बढ़ने, लक्ष्य तय करने व सपने देखने से मना कर देंगे, तो कोई भी हमें इसके लिए तैयार नहीं कर सकेगा । स्वयं के जीवन में आगे बढ़ने के लिए, कुछ करने के लिए हमें स्वयं ही तैयार होना होगा । बाहरी जगत से हमें इसके लिए Inspiration मिल सकती है, लेकिन अपने अंतर्मन(Conscience) को हमें स्वयं प्रेरित(Self-Motivated) करना होगा और इसके लिए प्रयास भी स्वयं ही करने होंगे ।
जिंदगी को बेहतर बनाने की संभावना सदैव होती है, बस, हमें इस और बढ़ने की जरुरत है । इसके लिए सबसे पहले अपने बारे में यह जानना जरूरी है कि हम क्या चाहते हैं? यह स्पष्ट रूप से जानने मात्र से हम अपनी आधी मंज़िल तय कर लेते हैं । जीवन में उद्देश्य व दिशा निर्धारित हो जाने के बाद जो हम चाहते हैं, उसे प्राप्त करने के लिए, उस तक पहुँचने के लिए उपयुक्त योजनाएँ बनानी चाहिए ।
अपनी कार्ययोजना को छोटे-छोटे लक्ष्यों में विभाजित करें और फिर योजना के अनुसार कार्य करें । इसके साथ ही अपनी कार्यकुशलता(Work Efficiency) को भी बढ़ाएं । अपनी कमियों को पहचाने और उन्हें दूर करने की यथासंभव कोशिश करें । जो भी निर्धारित कार्य के Expert हैं, उनसे भी समय-समय पर सलाह व परामर्श लेना हमारी प्रगति(Progress) को दोगुना कर देता है, हमारी कमियों को उजागर करता है, जिन्हें दूर करके हम ज्यादा अच्छे ढंग से आगे बढ़ सकते हैं ।
जिंदगी में कुछ ऐसे कार्य हैं, जिनके लिए उम्र कभी बाधा नहीं बनती, जैसे – पढ़ाई शुरू करने के लिए, Careerमें बदलाव के लिए, रिश्तों में सुधार के लिए, Famous और सफल बनने के लिए, अपनी बुरी आदतों से छुटकारा पाने के लिए, अच्छी आदतें(Good habits) सीखने के लिए, कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए, अपने Dreams को पूरा करने के लिए, स्वयं में सुधार(Self Improvement) लाने के लिए, दुनिया की सैर करने के लिए आदि । इसलिए इन कार्यों में से कोई भी कार्य चुना जा सकता है और अपनी जिंदगी को एक अच्छी दिशा दी जा सकती है ।
यह ध्यान रखना चाहिए कि Dreams देखने के लिए, उसमें Success पाने के लिए उम्र की जरुरत नहीं होती, हमारी इच्छाशक्ति की, हमारी जरुरत होती है । हमारी परिस्थिति और बीता हुआ कल भी इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता, यदि हम इन्हें पूरा करने की ठान लें । महान वैज्ञानिक एवं भूतपूर्व राष्ट्रपति A.P.J Abdul Kalam भी यही कहते थे कि “जिंदगी में सपने देखना न छोड़ें ।” ऐसे ही किसी Famous Philosopher ने कहा है – “जीवन में कोई तब तक बूढ़ा नहीं होता, जब तक वह अपने सपने पूरे करने में लगा रहता है । जब उसके सपने मरते हैं, अधूरे रह जाते हैं, वह भी असहाय महसूस करता है । इसलिए हमेशा सपने देखते रहें(Keep Dreaming) और अपने Dreams को कभी मरने नहीं देना चाहिए, इन्हें हमेशा जीवित व जीवंत रखना चाहिए; क्योंकि आँखों में सजे हुए सपने ही हमारी आशाओं के स्त्रोत हैं ।”
प्रिय मित्रों हमें आशा है की आपको हमारा यह Keep Dreaming Hindi Motivational Article बहुत – बहुत पसंद आया होगा और आप इस Hindi Article को पढ़ के बहुत प्रेरित और उत्साहित हुये होगें ।  हमारी सभी पाठकों के लिए शुभकामनाएं है  की आप हमेशा नए – नए सपने देखते रहें, सपने साकार करते रहें और सफलता की नई ऊँचाइयों को पार करते रहें. धन्यवाद ।
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